Monday, November 8, 2010

Sudheer Moghe Poems - Man, Guntane aani Aadhar

Sudheer Moghe - Guntane
Sudheer moghe - Aadhar
मूळ पान (Home Page) लाभले अम्हास भाग्य बोलतो मराठी । जाहलो खरेच धन्य ऐकतो मराठी ॥ धर्म, पंथ, जात एक जाणतो मराठी । एवढ्या जगात माय मानतो मराठी ॥